चारधाम यात्रा को लेकर AIIMS ने की खास तैयारी, इमरजेंसी में हेल्थ ATM

चारधाम यात्रा के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों को टेलीमेडिसिन की सुविधा मिलेगी। एम्स ऋषिकेश तीर्थयात्रियों के लिए हाई एबुलेंस की सुविधा शुरू करने जा रहा है। यह जानकारी एम्स दिल्ली के फिजियोलॉजी विभाग की ओर से बुधवार को आयोजित कार्यशाला में स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी के सचिव डॉ. अनुज सिंघल ने दी। कार्यशाला में कई डॉक्टर और विशेषज्ञ शामिल हुए। उन्होंने ऊंचाई पर जाने के दौरान शरीर पर होने वाले प्रभावों पर चर्चा और सुझाव दिए।

कार्यशाला के दौरान डॉ. अनुज सिंघल ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए दुनियाभर से तीर्थयात्री आते हैं। अकेले केदारनाथ के रास्ते में 5-6 मामले रोजाना हड्डी टूटने के आते हैं। हमारा प्रयास है कि स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकें। यात्रा जटिल होने की वजह से कई तरह की समस्याएं आती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, केदारनाथ धाम स्थित अस्तपाल में यात्रा के शुरू होने से लेकर समापन तक अस्पताल में रोजाना 657 मरीज, गंगोत्री धाम के अस्पताल में 96 और बद्रीनाथ धाम में 202 मरीज औसतन रोजाना पहुंचे। इनमें श्वसन संबंधी, कार्डियक, ट्रॉमा, पेट, न्यूरो, ऊंचाई संबंधी बीमारी के अलावा अन्य मरीज आते हैं।

यात्रियों को सिर दर्द, पैर दर्द, ऑक्सीजन की कमी, हाइपोक्सिया, चक्कर आना, थकावट, ऊर्जा का खत्म होना, भूख में कमी, नींद न आना, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी होना, सोने में मुश्किल, चलने में मुश्किल, छाती में खिंचावट, फेफड़ों और मस्तिष्क में पानी भरने समेत कई दिक्कतें होती हैं। समुद्र तल से आठ हजार फीट की ऊंचाई पर जाने पर शरीर पर यह प्रभाव दिखते हैं। शरीर वायु दबाव में बदलाव होने और ऑक्सीजन में कमी पर समायोजित करता है।

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