शिक्षा विभाग में प्राथमिक स्तर पर समायोजन के समय नया कारनामा देखने को मिला है। समायोजन की श्रेणी में आने वाले शिक्षक अचानक छात्र संख्या बढ़ने पर विद्यालयों में ही जमे रह गए। प्रवेश पंजिकाओं की जांच होने पर मामले की सत्यता सामने आ सकती है।
एक अप्रैल को विद्यालयों में प्रवेशोत्सव मनाकर नवीन प्रवेश पर जोर दिया गया था। इसके लिए विभाग की ओर से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों से शिक्षकों का समायोजन अन्य विद्यालयों में करने की प्रक्रिया शुरू की गई। 31 जुलाई तक की छात्र संख्या के माध्यम से एक अगस्त को समायोजन की प्रक्रिया की गई। 3 अगस्त को समायोजन कर आपत्ति दर्ज कराने का पत्र जारी किया गया। 5 अगस्त को सूची जारी कर दी गई। इसमें अचानक 13 विद्यालयों की छात्र संख्या बढ़ने पर 13 शिक्षक समायोजन की श्रेणी से बाहर हो गए। शेष का समायोजन कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि प्रवेश फार्म भरने के बाद प्रवेश पंजिका में नाम चढ़ाना होता है। 30 बच्चों पर एक शिक्षक होने का मानक है। एकल शिक्षक वाले विद्यालय में दो शिक्षक होने अनिवार्य हैं।
इन विद्यालयों में बढ़ी संख्या
विद्यालय 31 जुलाई तक पंजीकृत छात्र संख्या 5 अगस्त को जारी सूची में
बांसखेड़ा खुर्द 47 62
ढकिया गुलाबों 87 122
स्कॉर्टफार्म 75 93
फिरोजपुर 115 121
रघुनाथ राय गंज 140 152
गिन्नीखेड़ा 114 121
हरिनगर 105 122
हिम्मतपुर 115 121
कचनाल गाजी 78 92
पच्चावाला 46 62
रेलवे टांडा 334 365
रजपुरा रानी 86 92
शिवलालपुर अमरझंडा 114 121
समायोजन की प्रक्रिया में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करना अनुशासनहीनता और आपराधिक कृत्य है। किसी व्यक्ति की ओर से ऐसा किया गया है, तो मामले का संज्ञान लिया जाएगा। सत्यता पाए जाने पर व्यक्ति का समायोजन तो होगा ही और उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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