कतर में मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के रिटायर्ड आठ अफसरों में से एक देहरादून के सौरभ वशिष्ठ भी थे। लेकिन सोमवार को जब उनकी रिहाई की खबर आई तो परिवार की खुशी का ठिकाना न रहा।
वहीं, मंगलवार को जब वह देहरादून अपने घर पहुंचे तो यहां लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। वहीं, बेटे को इतने महीनों बाद अपने सामने देख माता पिता और पत्नी व बेटियों की आंखें भी नम हो गई।
इस दौरान कैप्टन सौरभ ने कहा कि यह प्रभु राम की कृपा ही है और पीएम मोदी का सहयोग जो आज हम वापस भारत लौट सके हैं। हम सरकार के आभारी हैं।
बेटे के घर वापसी के इंतजार में तड़पते हुए दिन बिता रहे माता-पिता का कहना है कि कतर में फांसी-उम्रकैद की सजा के बाद बेटे का वापस आना चमत्कार से कम नहीं है।
सौरभ के घर लौटते ही दिवाली-सा माहौल हो गया। माता-पिता पूरे दिन भीगी आंखों से भगवान का धन्यवाद ज्ञापित करते रहे .
वहीं, यह सूचना आसपास के लोगों को लगी तो पूरे मोहल्ले के लोग उनके स्वागत में जुट गए। सब की खुशी का ठिकाना न रहा. ईश्वर व सरकार को धन्यवाद देते रहे.