भारत में कई एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। इसी कड़ी में 12 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर वाईल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाया जा रहा है। जंगलों में कंक्रीट बहुत कम होता है, इसलिए एक पिलर का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तराखण्ड में एक राजमार्ग बन रहा है जो घने जंगलों से गुजरेगा। वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर इसके लिए बनाया जा रहा है। 12 किलोमीटर का यह कॉरिडोर जंगलों से घिरा होगा। यात्रा के दौरान यात्रियों को जंगल में शेर, हाथी और अन्य कई जीव देखने का मौका मिलेगा। NHAI और Wildlife Institute of India ने मिलकर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बनने वाला वन कॉरिडोर बनाया है। दिल्ली-देहरादून के बीच बनाया जा रहा ग्रीन कॉरिडोर अब अंतिम चरण में है। तैयार होने पर दिल्ली से देहरादून जाने में सिर्फ ढाई घंटे लगेंगे।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में यह वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाया जाएगा। राजाजी नेशनल पार्क से सटे इस कॉरिडोर में जानवरों को आसानी से घूमना होगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बनाया जा
रहा यह परियोजना 12 किलोमीटर से अधिक की होगी, जो इसे एशिया का सबसे बड़ा वन कॉरिडोर बना देगा। वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर में छह लेन एक पिलर पर होंगे। जंगलों में बहुत कम कंक्रीट होने के कारण पिलर का इस्तेमाल किया जाता है। इस कॉरिडोर में पिलर होंगे, हर पिलर से 21 मीटर की दू होगी।
बता दे की 6 लेन का यह कॉरिडोर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को दिल्ली से सहारनपुर के रास्ते देहरादून से जोड़ेगा. NHAI के अनुसार, इसके निर्माण पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके निर्माण से दिल्ली से यूपी के लोगों को मसूरी, देहरादून और हरिद्वार तक जाना आसान होगा. इसके निर्माण से क्षेत्रों में आर्थिक विकास भी बढ़ेगा।
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