शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट

  • केदारपुरी पहुंचे 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालु, यमुनोत्री में आंकड़ा सात लाख पार
  • -बाबा केदार का शीतकालीन प्रवास अब ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में
  • -मां यमुना शीतकाल के दौरान छह महीने तक रहेंगी खरसाली गांव में

देहरादून। ग्यारहवें ज्योर्तिर्लिंग केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए रविवार को भैया दूज के पावन अवसर पर बंद हो गए। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कपाटबंदी के बाद बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान कर गई। यह डोली चार नवंबर को द्वितीय पड़ाव गुप्तकाशी और पांच नवंबर को अंतिम पड़ाव ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल में बाबा केदार के दर्शन यहीं पर किए जा सकेंगे। इसी तरह, यमुनोत्री मां के दर्शन अब खरसाली में होंगे। यमुना मां की डोली ने भी रविवार को खरसाली के लिए प्रस्थान कर दिया।

इस बार की चार धाम यात्रा के अंतर्गत केदारनाथ धाम में 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की जानकारी मिली है। बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने केदारनाथ धाम की यात्रा को अभूतपूर्व सफल बताया है। इससे पहले, रविवार सुबह साढे़ आठ बजे केदारनाथ धाम के कपाट विधिविधान से बंद हो गए। मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट बंद होने की प्रकिया को संपन्न कराया। दूसरी तरफ, यमुनोत्री धाम के कपाट अपराह्न 12 बजकार पांच मिनट पर बंद कर दिए गए। इससे पहले परंपरागत रूप से शनि महाराज अपनी बहन यमुना को ले जाने के लिए यमुनोत्री पहुंचे। यहां से यमुना मां को परंपरानुसार विदा किया गया।

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