- लोस व मंगलौर, बद्रीनाथ चुनाव में भी सक्रिय नहीं रही थीं प्रभारी
- भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम हैं एक्टिव मोड में
देहरादून। केदारनाथ का उपचुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए नाक का सवाल है। इस उपचुनाव में हार-जीत के नतीजों का दूरगामी संदेश जाना तय है, मगर कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा एक बार फिर उत्तराखंड से दूर हैं। भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम केदारनाथ उपचुनाव के लिए कार्यकर्ताओं से संपर्क साध चुके हैं, लेकिन कुमारी शैलजा का अभी दूर-दूर तक उत्तराखंड आने का कार्यक्रम दिखाई नहीं दे रहा है। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में मायूसी है।
जब से कुमारी शैलजा प्रदेश प्रभारी बनी है, तब से उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के साथ ही बद्रीनाथ व मंगलौर उपचुनाव हुए हैं। चुनाव के मौके पर कुमारी शैलजा का उत्तराखड की ओर बामुश्किल रूख हुआ है। कांग्रेस के आम कार्यकर्ता को इस बात से नाराजगी है कि जहां एक ओर भाजपा के प्रभारी इतने सक्रिय रहते हैं, वहीं उनके प्रभारी पहाड़ का रूख ही नहीं करतीं। भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम उत्तराखंड में काफी सक्रिय हैं। दरअसल, यह उनकी व्यक्तिगत सक्रियता का मामला नहीं है, बल्कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने ही चुनाव में प्रभारियों की एक खास भूमिका रेखांकित की है। दुष्यंत कुमार इसलिए एक्टिव मोड पर हैं। इसके विपरीत, कुमारी शैलजा हरियाणा की राजनीति से बाहर नहीं निकल पा रही हैं।
एक तरफ, कांग्रेस केदारनाथ में भाजपा को हराकर उसकी चोट दिल्ली तक देने का सपना देख रही है, दूसरी तरफ, प्रभारी की निष्क्रियता की सच्चाई सामने हैं। प्रभारी की गैरमौजूदगी मेें कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत, गणेश गोदियाल, करण माहरा को केदारनाथ में पसीना बहाना पड़ रहा है। वैसे, कांगे्रस के बडे़ नेताओं का कहना है कि प्रभारी लगातार केदारनाथ उपचुनाव की माॅनीटरिंग कर रही हैं। आवश्यकता के अनुसार उनके कार्यक्रम तय होंगे।
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