केदारनाथ उपचुनाव में विपक्ष हमलावर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिले कांग्रेसी

आचार संहिता उल्लंघन का आरोपः कांग्रेस ने राज्यपाल को भी लपेटा

-गवर्नर के 28 अक्टूबर को बद्री-केदार प्रवास पर है नाराजगी

भाजपा प्रदेश प्रभारी, अध्यक्ष की अलग से की गई शिकायत

देहरादून। केदारनाथ उपचुनाव के लिए अभी माहौल बनना शुरू ही हुआ है, कि कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी दुश्मनी के नए रंग दिखने लगे हैं। पार्टी ने न सिर्फ भाजपा नेताओं, बल्कि गवर्नर को भी चुनावी सियासी लड़ाई में घसीट लिया है। मंगलवार को बकायदा मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर कांग्रेस के नेताओं ने गर्वनर और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के निर्देश पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी के नेतृत्व में मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपे हैं। अलग-अलग ज्ञापनों में गर्वनर, भाजपा प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष को निशाने पर लिया गया है। गवर्नर के संबंध में पार्टी की नाराजगी उनके 28 अक्टूबर को बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम के प्रवास से जुड़ी है। पार्टी का कहना है कि केदारनाथ धाम में दर्शन के उपरांत तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात के उपरांत गवर्नर ने अधिकारियों से भी चर्चा की। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से कराए गए कार्यों पर बात करते हुए उसकी सराहना की गई है। पार्टी इसे आचार संहिता का उल्लंघन करार दे रही है।

एक अन्य ज्ञापन में कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी व अध्यक्ष ने भी दोनों धामों का प्रवास किया है। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ धाम में दर्शन के उपरांत तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात की। मंदिर परिसर में राज्य सरकार के स्तर पर कराए गए विकास कार्यों पर चर्चा करते हुए तीर्थ पुरोहितों से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील की गई, जोकि आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। कांग्रेस के आरोप पर ना तो राजभवन की ओर से फिलहाल कोई बयान जारी किया गया है और ना ही भाजपा की प्रतिक्रिया सामने आई है।

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