देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को राजपुर रोड स्थित राष्ट्रपति निकेतन और तपोवन परिसर में सार्वजनिक आवागमन के साथ ही कैफेटेरिया एवं स्मृति चिन्ह केंद्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति उद्यान का शिलान्यास भी किया साथ ही राष्ट्रपति निकेतन, तपोवन और राष्ट्रपति उद्यान की जैव विविधिता पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। राष्ट्रपति निकेतन और तपोवन परिसर आमजनता के लिए खुलने से पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। साथ ह लोगों को प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरणीय चेतना से जोड़ने में सहायक बनेगा। आशियाना परिसर में 132 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक पार्क तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रपति आशियाना परिसर के 132 एकड़ क्षेत्रफल में अत्याधुनिक पार्क, 19.5 एकड़ भूमि पर लोवर एस्टेट है। देहरादून में राजपुर रोड पर स्थित राष्ट्रपति तपोवन, हिमालय की तलहटी में बसा 19 एकड़ का राष्ट्रपति भवन है, जो आध्यात्मिक विश्राम और पारिस्थितिकी संरक्षण पर जोर देता है। देशी वनस्पतियों से समृद्ध एक घना जंगल, तपोवन में 117 पौधों की प्रजातियाँ, 52 तितलियाँ, 41 पक्षी प्रजातियाँ और 7 जंगली स्तनधारी हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियाँ भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बाँस के बाग़ और अछूते वुडलैंड पारिस्थितिकी तंत्र हैं।राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में काम करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं।राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन 24 जून और 1 जुलाई, 2025 से आम जनता के लिए खुले रहेंगे।

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