जुलाई से सितंबर के बीच में खिलने वाला ब्रह्मकमल धार्मिक महत्व का पुष्प है। नंदा अष्टमी मेले के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र से ब्रह्मकमल को लाकर नंदा को अर्पित किया जाता है। हेमकुंड यात्रा मार्ग पर ब्रह्मकमल के साथ अन्य प्रजाति के फूल भी खिले हुए हैं जिससे पूरे क्षेत्र की खूबसूरती और भी निखर रही है।
More Stories
मुख्यमंत्री ने पैंली-पैंली बार उत्तराखण्डी गीत का किया विमोचन
मुख्यमंत्री धामी ने 4224 श्रमिकों को सौंपी ₹12.89 करोड़ की सहायता राशि
विजय सालगांवकर लौटेगा फिर पर्दे पर, ‘दृश्यम 3’ की रिलीज डेट तय