हाईटेक अपराध का अड्डा बन रहा दून, निशाने पर विदेशी नागरिक- STF की कार्रवाई जारी

दून को कभी एजुकेशन हब कहा जाता था, लेकिन मेट्रो शहरों की दौड़ में शामिल होते ही यहां हाईटेक अपराध की जड़ें भी मजबूत होने लगी हैं। एक माह में राजपुर क्षेत्र में दो अंतरराष्ट्रीय फर्जी काल सेंटर का पर्दाफाश हो चुका है, जहां से विदेशी नागरिकों से ठगी की जा रही थी।जबकि, मई में पटेलनगर क्षेत्र में भी एक फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ था। वहीं, मुद्रा लोन योजना के नाम पर भी दून से ही साइबर ठग देशभर के लोगों से ठगी कर रहे थे। अन्य राज्यों के युवक-युवतियों को आइटी कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें यहां बुलाया जाता है और कुछ दिन ब्रेनवाश करने के बाद उन्हें साइबर ठगी के लिए तैयार किया जाता है।

लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ

दो जुलाई को राजपुर थाना पुलिस ने दून विहार स्थित कांप्लेक्स में टेकनियो बिजनेस साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से चल रहे फर्जी इंटरनेशनल काल सेंटर में दबिश देकर तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था।आरोपित सार्थक निवासी कालरी जम्मू थाना बलवल (जम्मू-कश्मीर) वर्तमान निवासी कैनाल रोड देहरादून, खुशनूर निवासी संगम विहार (नई दिल्ली) व शाहरुख अली निवासी केदारवाला थाना सहसपुर (देहरादून) गिरोह का संचालन कर विदेशी नागरिकों से ठगी कर रहे थे।

एसटीएफ की कार्रवाई लगातार जारी

इससे पूर्व अप्रैल में एसटीएफ ने साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो देशभर में पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी कर रहा था। गिरोह में आंध्र प्रदेश व मध्य प्रदेश के युवक शामिल किए गए थे, जो प्रेमनगर क्षेत्र में पढ़ाई के साथ-साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।इस मामले में एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सहित तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार था। गिरफ्तार साइबर ठग अलग-अलग काल सेंटर से प्रशिक्षण लेकर आए थे और उन्होंने प्रेमनगर क्षेत्र में अपना काल सेंटर खोलकर साइबर ठगी करनी शुरू कर दी।

अफसर को दी थी जान से मारने की धमकी

इसी महीने एसटीएफ ने एक ऐसे आरोपित को गिरफ्तार किया था, जिसने अपने घर पर ही टेलीफोन एक्सचेंज खोला था। वह अंतरराष्ट्रीय फोन काल को लोकल काल में परिवर्तित करता था। आरोपित ने टेलीफोन एक्सचेंज के लिए बीएसएनएल से 500 नंबर लिए थे, जिनसे से विदेश से आने वाली काल को लोकल में परिवर्तित करके डायवर्ट करता था।

अवैध तौर पर काल सेंटर का संचालन कर लोगों से ठगी करने वालों पर अब भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आइटी पार्क से पकड़े गए काल सेंटरों के आरोपितों पर गंभीर धाराएं लगाई हैं, जिसमें सात साल सजा का प्रविधान है। बीएनएस 111 (संगठित अपराध) के तहत सात साल तक सजा हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *