पूर्व मुख्यमन्त्री हरीश रावत सोमवार को शहीद स्मारक पहुंचे। जहां उन्होंने उपनल कर्मियों के धरने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वो ये कामना करते हैं कि उपनलकर्मियों की सभी मांगे पूरी हो जाएं।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण मिले हुए आठ साल हो जाने चाहिए थे। लेकिन राजनीतिक हठधर्मिता के चलते ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गर्वनर राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण पर पालथी मारे हुए बैठे रहे। आजकल गर्वनर सविंधान का रक्षक नहीं है बल्कि केंद्र सरकार का एक कर्मचारी है जो उनके निर्देशों पर ही काम करता है।
हरदा ने कहा कि वो उपनलकर्मियों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम उपनलकर्मियों और इस राज्य के गठन के लिए लड़ने वाले राज्य आंदोलन कर्मियों को भी न्यान नहीं दिला पाए तो इस राज्य के संचालन का हमें कोई हक नहीं है। उन्होंने सीएम धामी से उपनलकर्मियों से बात करने और उनका नियमितिकरण करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्हें बाहर निकाला गया है उन्हें बाहर निकालने वाले अधिकारियों को दंण्डित किया जाए।
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