देहरादून। वन, एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियां मैदानों से भिन्न हैं, इसलिए यहां स्वच्छता एवं कचरा निस्तारण के लिए अलग रणनीतियों की आवश्यकता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार विशेष योजनाएं लागू कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में फैले प्लास्टिक कचरे को एकत्रित कर उसका सुरक्षित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति की जाएगी। वन मंत्री ने कहा कि राज्य के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में जहां वाहनों का पहुंच संभव नहीं है, वहाँ स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ट्विन पिट शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए धनराशि को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 8,600 रुपये तक करने का प्रस्ताव रखा गया है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से न केवल गाँवों और वन क्षेत्रों में स्वच्छता व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि स्थानीय लोगों की भागीदारी से रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखंड स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में उभरेगा।
पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति की जाएगी
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