हिम सन्देश, 16 अगस्त 2022, लखनऊ। कवि, मंझे हुए वक्ता, कुशल राजनीतिज्ञ तथा देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्य तिथि पर देश आज उनको नमन कर रहा है। ओजस्वी वाणी के धनी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि पर लखनऊ के लोक भवन में उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने वालों का तांता लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर उनको श्रद्धांजलि दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ लोकभवन में उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा-लोकप्रिय जननेता, प्रखर राष्ट्रभक्त, ओजस्वी वक्ता, असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणा-पुंज, पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। आपका शुचितापूर्ण राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन लोकतंत्र हेतु सदैव आदर्श मानक रहेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त 2018 को अंतिम सांस ली थी। उनकी गिनती देश की सियासत के उन चंद नेताओं में होती है जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे। उन्हें हमेशा ही सभी पार्टियों से भरपूर प्यार व स्नेह मिला।
तीन बार बने भारत के प्रधानमंत्री
स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1996 में महज 13 दिन में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद वह 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री के पद के लिए चुने गए। वह तीसरी बार 1999 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। तब उन्होंने पांच वर्ष का अपना कार्यकाल पूरा किया। देश के सबसे लोकप्रिय नेता अटल बिहार वाजपेयी लखनऊ से 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए थे।
सादगी के बीच गुजरा जीवन
अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव आगरा के पास बटेश्वर में था। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने ग्वालियर के ही विक्टोरिया कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की। उनके पिता का नाम श्री कृष्ण वाजपेयी था, वह एक स्कूल मास्टर और कवि थे। उनके पूरे जीवन पर नजर डालें तो वो राजनीति, कविता तथा सादगी के बीच गुजरा।
संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में दिया था भाषण
भारत के पूर्व पीएम वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में हिंदी में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे। चार अक्टूबर, 1977 को उन्होंने जब हिंदी में भाषण दिया, तो यूएन तालियों से गूंज उठा था।
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