सतीश बंसल
देहरादून, उत्तराखंड

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बेवजह तब्सिरा नहीं करते
कद से नीचे गिरा नहीं करते
जो हक़ीकत में खानदानी हैं
वे जुबां से फ़िरा नहीं करते।
हर नियम हर विधान से गुज़रे
मुश्किलों के जहान से गुज़रे
लोग उतरे ख़रे कसौटी पर
जो कड़े इम्तिहान से गुज़रे।
बनके धनवान भूल मत जाना
धर्म ईमान भूल मत जाना
वक्त पर काम लोग आए जो
उनका अहसान भूल मत जाना।
सोच में देष राग मत रखना
दिल में बदले की आग मत रखना
ये डँसेंगे ज़रूर तुमको भी
आस्तीनों में नाग मत रखना।

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