राजेश कुमार
गुरुग्राम, हरियाणा
—————————————–
महक तेरी मुहब्बत की
————————————-
इत्र क्या, गुलाब क्या, खुशबु कैसी,
कहां महक है इस जहान मे, तेरी जैसी
खुदा की खोज मे शीश झुकाया दर-दर,
कहां है पूजा कोई, तेरे आचमन जैसी
होंगे कई तेरे चाहने वाले, समझ है मुझको,
ना कही होगी तपन, मेरे प्यार की जैसी
सुबह की ओस मे, तुम संवरने जो लगे,
चुभन दिखाई हमें, टूटते स्वप्न जैसी
राज कुछ है ही नही और कोई राज नही
यूं ही हो गयी ये गजल, जान समन्दर जैसी
More Stories
सनी देओल से मिले उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के सीईओ बंशीधर तिवारी, बॉर्डर 2 के सेट पर हुई सकारात्मक चर्चा।
सर्वे, फ्लाइओवर निर्माण, पुर्नवास, मुआवजा वितरण में जिला प्रशासन रहेगा फ्रन्टलाईन परः डीएम
मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग के सामने रखा राज्य का पक्ष