देहरादून के 100 वार्डों का भूगोल बदलने की कसरत तेज हो गई है। शासन की ओर से पत्र मिलने के बाद नगर निगम स्तर पर एक सप्ताह के भीतर वार्डों की वास्तविक स्थित का खाका तैयार करना होगा। कई वार्डों में जनसंख्या में नियमानुसार 10 प्रतिशत से अधिक का अंतर होने के कारण वार्ड छोटे-बड़े हैं, जिससे वहां नगर निगम के विकास कार्य और विभिन्न संवाओं का लाभ जनता को प्रदान करने में कठिनाई उत्पन्न होती है।
विधायक व पार्षद भी उठा चुके हैं मुद्दा
इसके अलावा विधायक व पार्षद भी अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों व सेवाओं में चुनौती की बात कह चुके हैं। अब करीब आठ माह से नगर निगम का बोर्ड भंग है और चुनाव प्रक्रिया आगामी कुछ माह के भीतर हो सकती है। परिसीमन को लेकर कसरत तेज होने से जल्द चुनाव होने की भी उम्मीद है। ऐसे में वार्डों की आबादी को एक-दूसरे में समायोजित कर संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
वार्डों की सटीक जनसंख्या जुटाएगा निगम
देहरादून में वर्ष 2011 के बाद जनगणना न होने से भी वार्डों की स्थिति का पता नहीं चल सका। वर्ष 2018 में किया गया परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर था, लेकिन कोरोना काल के चलते वर्ष 2021 में जनगणना नहीं हो सकी। हालांकि, अब नगर निगम की ओर से वार्डों की सटीक आबादी का डाटा जुटाया जाएगा।
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