मशरूम गर्ल दिव्या रावत, फर्म से जालसाजी के केस में भाई के साथ पुणे में अरेस्‍ट

 

दिव्‍या रावत देहरादून में अपने भाई के साथ मिलकर सौम्‍या फूड कंपनी चलाती हैं। पुणे के रहने वाले नंदकिशोर भाखड़ा ने ठगी के एक मामले में उन पर समझौते के लिए लाखों रुपये मांगने का आरोप लगाया। भाखड़ा ने दिव्‍या को 10 लाख रुपया देने के बहाने पुणे में बुलाया। वहां पुलिस ने उसको अरेस्‍ट कर लिया।

कहते हैं कि सफलता हर किसी को हजम नहीं होती। ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तराखंड की मशरूम उत्पादन की ब्रांड एंबेसडर दिव्या रावत के साथ। एक कमरे से मशरूम उत्पादन का काम शुरू कर साल भर में करोड़ों कमाने वाली दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत को महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन दोनों को फिलहाल दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि पुणे पुलिस दिव्या और उसके भाई को लेकर देहरादून भी आ सकती है। दिव्या रावत उत्तराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से पहचानी जाती हैं। वह अपने भाई के साथ सौम्या फूड नाम की कंपनी चलाती हैं।

पुणे मानसेलक भुकूम निवासी परामर्श फॉर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर, 2022 को पुणे में दिव्या रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वह अपनी कंसलटेंसी फर्म का काम घर से ही ऑनलाइन और फोन के माध्यम से चलाते थे। 2019 में वह अपना उद्योग शुरू करना चाहते थे तो इसी दौरान उनका परिचय दिव्या रावत की बहन शकुंतला से हुआ। शकुंतला ने जनवरी 2019 में उन्हें देहरादून के मोथरोवाला में प्रशिक्षण के लिए बुलाया। वहां उनकी मुलाकात दिव्या रावत से हुई। प्रशिक्षण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद वह पुणे वापस आ गए। दिसंबर 2019 में दिव्या ने उन्हें फोन करके उनकी सौम्या फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ने का ऑफर दिया और उन्हें देहरादून बुलाया। दिव्या ने उन्हें माइग्रेशन 2020 प्रोजेक्ट के तहत मशरूम उत्पादन में पार्टनरशिप का प्रस्ताव दिया। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वह प्रशिक्षण के लिए टीम के साथ गुजरात भी गए। इस दौरान टीम में शामिल सदस्यों के वेतन, रहने-खाने और मशीनों को खरीदने का खर्चा उन्होंने ही किया।

इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 1.20 करोड़ का खर्चा आया। इसमें से कुछ रुपए दिव्या ने उन्हें दिए, लेकिन बाद में किसी बहाने से वापस भी ले लिए। जब बाद में नंदकिशोर भाखड़ा ने दिव्या रावत से अपने पैसे वापस मांगे तो सितंबर 2022 में दिव्या रावत के भाई राजपाल रावत ने भाखड़ा के खिलाफ थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज करा दिया। भाखड़ा पर 77 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया।
दिव्या ने आरोप लगाया था कि भाखड़ा ने 77 लाख रुपए लेने के बाद भी काम नहीं किया। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में भाखड़ा को गिरफ्तार कर लिया था और लगभग 3 महीने भाखड़ा जेल में रहे। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली। जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित ने पुलिस विभाग से सूचना के अधिकार के तहत अपनी गिरफ्तारी को लेकर जानकारी मांगी तो पता चला कि दिव्या ने फर्जी एफिडेविट मेरठ से बनवाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद उन्होंने पौड़ थाने में दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। दिव्या रावत, नंदकिशोर भाखड़ा से समझौते के लिए 32.5 लाख रुपये मांग रही थी। भाखड़ा ने दिव्या को 10 लाख रुपये का चेक देने के लिए पुणे बुलवाया था। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी। जिसके बाद पुलिस ने दिव्या और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया।

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