सरकार ने पशुपालकों की मदद के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत उन्हें शेड निर्माण और चारा उपकरण खरीदने के लिए एक लाख रुपए तक का ऋण और सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है ताकि किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकें। खास बात यह है कि इस योजना के तहत लिए गए ऋण पर ब्याज नहीं लगेगा, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।
किसानों को केवल खेती ही नहीं, बल्कि पशुपालन में भी अपनी आय बढ़ाने के अवसर मिले, यही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। पशुपालन के जरिए किसान दूध उत्पादन और अन्य पशु उत्पादों से अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं। इस योजना से पशुपालक किसानों को शेड निर्माण, चारा उपकरण, और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदने में आर्थिक सहायता मिलेगी। राज्य सरकार ने इस पहल के जरिए पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
इस योजना के तहत पशुपालकों को एक लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के मिलेगा, जिसे 12 मासिक किस्तों में चुकाना होगा। समय पर ऋण चुकाने पर किसानों को 10.25% ब्याज अनुदान भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त, चारा उपकरण और शेड निर्माण जैसे जरूरी कार्यों के लिए भी वित्तीय सहायता दी जाएगी।
राज्य के पशुपालक किसान इस योजना के पात्र होंगे। आवेदन करने वाले किसान को कुछ जरूरी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता विवरण, और जमीन से जुड़े दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी। आवेदन के लिए किसान को संबंधित सरकारी विभाग या ग्राम सहकारी समिति से अनुशंसा पत्र लेना अनिवार्य होगा।
किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए SSO आईडी के माध्यम से आवेदन करना होगा, जिसमें जन आधार कार्ड का वेरिफिकेशन किया जाएगा और आवश्यक दस्तावेज अपलोड किए जाएंगे। ऑफलाइन आवेदन के लिए किसान अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र या सहकारी समिति से संपर्क कर सकते हैं।
पशुपालक किसान इस योजना के तहत अपने खेत में शेड निर्माण कर सकेंगे, जो उनके पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, चारा उपकरण खरीदकर वे अपने पशुओं के लिए बेहतर चारा प्रबंधन कर सकेंगे, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। इस योजना से किसानों को बिना ब्याज के ऋण मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और वे पशुपालन के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे।
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