लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मण नगरी करने की मांग पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम नाम बदलने की पूर्व घोषणा नहीं करते हैं। जब करना होगा, तो दमदार तरीके से ही करेंगे। लखनऊ अपने आप में एक ऐतिहासिक नाम है। लखनऊ हमारे प्रदेश की राजधानी है। इसकी पहचान पौराणिक भी है।
इसलिए अभी लखनऊ के रूप में जाना जा रहा है। इसका नाम अभी लखनऊ ही रहेगा। लखनऊ का नाम लाखन पासी वाले सुझाव पर कहा कि लाखन पासी एक पराक्रमी राजा थे। बेगम हजरत महल 1857 की क्रांति की बहुत बड़ी वीरांगना थीं। लखनऊ की परंपरा पुरानी और एतिहासिक रही है।
निष्कर्ष तक पहुंचाते हैं हर निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आज भी वही हैं, जो वर्ष 2017 से पूर्व थे। उनके रूप में तीसरी पीढ़ी राजनीति में है। हमारा हर कार्य राष्ट्रीय एकत्व की भावना तथा राष्ट्र प्रथम की भावना से होता है। उनका जीवन देश तथा प्रदेश की जनता के लिए समर्पित है। गोरखपुर के सांसद के रूप में उन्होंने गोरखपुर सहित पूर्वांचल की उन समस्याओं को उठाया, जिनका समाधान अरसे से नहीं हो पाया था।
वर्ष 2017 से पूर्व इंसेफ्लाइटिस बीमारी और अन्य मुद्दों के लिए वे सड़क से संसद तक संघर्ष करते थे। जब उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला, तब उन्होंने किसी अन्य पर दोषारोपण करने के बजाय अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की।
आज पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस बीमारी पर 96 प्रतिशत तक नियत्रंण कर लिया गया है। जब हम निर्णय करते हैं, तो उसे निष्कर्ष तक भी पहुंचाते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें सेवा का विस्तृत आयाम मिला है और वे इसका भरपूर उपयोग प्रदेशवासियों की समृद्धि के लिए कर रहे हैं।
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