भाजपा की प्रदेश सरकार और संगठन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि नगरीय निकाय चुनाव में सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक अपने परिजनों के टिकट के लिए दबाव न बनाएं। पार्टी सैद्धांतिक रूप से किसी भी मंत्री, सांसद या विधायक के परिजन को प्रत्याशी नहीं बनाएगी। जहां कहीं चुनाव जीतने के लिए परिजन को प्रत्याशी बनाना अपरिहार्य होगा, उसके बारे में निर्णय प्रदेश कोर कमेटी करेगी।
मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार शाम सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सरकार के मंत्रियों को चुनाव का रोडमैप सौंपा गया। मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने एक मंच और एक स्वर में मंत्रियों को सभी 17 नगर निगम और जिला मुख्यालयों सहित बड़ी नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में परचम लहराने की जिम्मेदारी सौंपी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे निकाय चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में पार्टी की जीत महत्वपूर्ण है। ये चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि जिन नेताओं को सरकार या संगठन में समायोजन का मौका नहीं मिला, उन्हें प्रत्याशी चयन में तरजीह मिलेगी, बशर्ते वे जीतने की स्थिति में हों। चौधरी ने कहा कि नगर निगमों व बड़ी नगर पालिका परिषदों में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सभा, रोड शो किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां कहीं सामाजिक समीकरण के लिहाज से किसी विशेष नेता के कार्यक्रम की आवश्यकता हो, उसकी सूचना प्रदेश मुख्यालय को दें।
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